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क्या होती है एक्टोपिक प्रेगनेंसी! जानिए इसके कारण और लक्षण

क्या होती है एक्टोपिक प्रेगनेंसी! जानिए इसके कारण और लक्षण

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क्या होती है एक्टोपिक प्रेगनेंसी! जानिए इसके कारण और लक्षण

जब महिला गर्भधारण करती है तो वह समय उसके लिए खास देखभाल का होता है इस समय पर डॉक्टर से समय समय पर जांच करवानी होती है | जिससे यह पता चल सके की गर्भ में पल रहा बच्चा स्वस्थ है और गर्भावस्था में किसी तरह की कोई समस्या तो नहीं है | 

क्योंकि गर्भधारण के समय कई तरह की समस्या हो सकती है जिनमें से एक्टोपिक प्रेगनेंसी एक विशेष तरह की समस्या है | यह गर्भावस्था की समस्या 1 % महिलाओं को गर्भधारण के समय होती है | यदि इसका समय से उपचार नहीं करवाया जाये तो यह एक मेडिकल एमरजेंसी हो सकती है जिसमें महिला की मृत्यु का भी खतर रहता है | 

क्या होती है एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (What is Ectopic Pregnancy?)

सामान्य प्रेग्नेंसी में अंडाशय से ओवयूलेशन के बाद जब फॉलिकल lrepture होकर अंडाफ़ैलोपिनट्यूब में जाता है | जहाँ पर वह शुक्राणु से फर्टिलाइज होता है | इसके बाद यह अंडा गर्भाशय की दीवार से जाकर चिपक जाता है | जहाँ पर यह विकसित होता है | 

लेकिन एक्टोपिक प्रेग्नेंसी की स्थिति में अंडा शुक्राणु से फर्टिलाइज होकर गर्भाशय में ना जाकर या तो फ़ैलोपिनट्यूब में ही रह जाता है या फिर पेट, गर्भाशयग्रीवाया अंडाशय से जाकर जुड़ जाता है | इस स्थिति में यह विकसित नहीं हो पाता है और 12 सप्ताह से पहले मर जाता है | 

फैलोपियनट्यूब में विकसित होने पर यह भ्रूण के बढ़ने पर फ़ैल नहीं पाती है | जिसकी वजह से फ़ैलोपिनट्यूब के फटने का खतरा बढ़ जाता है और ऐसी स्थित में अधिकरक्तस्त्राव होने से महिला की जान जाने का खतरा हो जाता है  

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के लक्षण (Symptoms of Ectopic Pregnancy)

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के लक्षण यदि दिखाई देते है तो महिला को समय से जांच करवाकर डॉक्टर को दिखाना चाहिएऔर यदि परिक्षण में अगर एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का पता चल जाये तो सही उपचार लेना चाहिए | यदि महिला को हल्की या अधिकरक्तस्त्राव हो रहा है, जीमिचलाना, पेल्विक हिस्से में दर्द,कंधे में दर्द होना, शरीर में कमजोरी हो ना या चक्करआना ये सब एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के लक्षण है और ऐसे में डॉक्टर से मिल कर सही उपचार लेना चाहिए | 

एक्टोपिकप्रेग्नेंसीकेकारण (Causes of Ectopic Pregnancy?)

  • अधिक उम्र में प्रेग्नेंसी होने पर  
  • फ़ैलोपिनट्यूब में किसी तरह की समस्या या रूकावट होने पर 
  • यदि किसी महिला को बार बार गर्भपात हो रहा है| 
  • किसी तरह का नशे का सेवन या धूम्रपान करना 
  • यदि पहले एक्टोपिक प्रेग्नेंसी हुई है 
  • फर्टिलिटी दवाओं के अधिक सेवन से 

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का उपचार (Treatment for Ectopic Pregnancy)

यदि एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के लक्षण दिखाई देते है तो डॉक्टर आपको कुछ परिक्षण का परामर्श देते है –

  • रक्तपरिक्षण – रक्तपरीक्षण के द्वारा यह जांचा जाता है की गर्भावस्था के समय पैदा होने वाले हार्मोन HCG का स्तर सा है | अगर यह स्तरअधिक है तो इसका मतलब एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के चांस बढ़ जाते है | ऐसे में डाक्टरअल्ट्रासॉउन्डपरिक्षण करते है | 
  • अल्ट्रासॉउन्डपरिक्षण – इसके लिए डॉक्टर ट्रान्सवजाइनल अल्ट्रासॉउन्ड करते है जिसके द्वारा यह जाना जाता है की सामान्य गर्भावस्था है या फिर एक्टोपिक प्रेग्नेंसी है | 

उपचार के लिए इस स्थिति में डॉक्टर गर्भाशय के अलावा विकसित हो रहे भ्रूण को बाहर निकाला जाता है | एक्टोपिक प्रेग्नेंसी में भ्रूण को बाहर निकालने के लिए डॉक्टर दवाओं के द्वारा या फिर सर्जरी के द्वारा भ्रूण को बाहर निकाला जाता है | कई मामलों में फ़ैलोपिनट्यूब को भी नुकसान पहुँचता है तो ऐसे में क्षत्रिग्रस्त फ़ैलोपिन ट्यूब का भी उपचार किया जाता है | एक्टोपिक प्रेग्नेंसी की स्थति में सही समय पर उपचार करना जरुरी होता है नहीं तो यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है | 

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