जब IVF/IUI की बात आती है, तो कई लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या इस प्रक्रिया से संतान के लिंग या विशेषताओं का चयन किया जा सकता है। शानवी IVF सेंटर, आगरा, के विशेषज्ञ, जो IVF क्षेत्र में अत्यधिक अनुभवी हैं, इस सवाल का उत्तर देंगे।
सच्चाई यह है कि भारत में संतान का लिंग चयन कानूनी रूप से प्रतिबंधित है। Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques (PCPNDT) Act के तहत लिंग चयन पर सख्त प्रतिबंध है, और इस प्रक्रिया को कराने की कोशिश करने वाले को कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें भारी जुर्माना और जेल की सजा शामिल है।
शानवी IVF सेंटर, आगरा, प्रजनन चिकित्सा के क्षेत्र में अपने अत्याधुनिक उपचार और विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है और पूरी तरह से कानूनी दिशानिर्देशों का पालन करता है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से बताएंगे कि क्यों IVF से संतान का चयन न केवल अवैध है, बल्कि सामाजिक और नैतिक दृष्टिकोण से भी अनुचित है।
IVF प्रक्रिया में लिंग चयन
तकनीकी दृष्टिकोण से, IVF के दौरान भ्रूण के लिंग का निर्धारण संभव है, लेकिन भारत में यह कानूनी रूप से प्रतिबंधित है। IVF के उद्देश्य में स्वस्थ भ्रूण का चयन करना होता है, न कि लिंग या अन्य विशेषताओं का।
भारत में कानून और लिंग चयन
भारत में Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques (PCPNDT) Act के अंतर्गत लिंग चयन और लिंग निर्धारण पर सख्त प्रतिबंध है। इसका उद्देश्य लिंग के आधार पर भ्रूण हत्या को रोकना और समाज में लिंग संतुलन को बनाए रखना है। IVF के दौरान भी लिंग चयन करना अवैध है, और इसका उल्लंघन करने पर कड़ी सजा का प्रावधान है।
PGD/PGS भ्रूण जांच
IVF के दौरान PGD (Preimplantation Genetic Diagnosis) और PGS (Preimplantation Genetic Screening) जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाता है। इनका उद्देश्य भ्रूण में आनुवंशिक बीमारियों की पहचान करना होता है, न कि लिंग चयन करना। ये तकनीकें केवल भ्रूण की स्वास्थ्य स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए उपयोग की जाती हैं।
भारत में लिंग चयन के परिणाम
भारत में लिंग चयन कानूनी रूप से प्रतिबंधित है, और इसके उल्लंघन पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाती है। यदि कोई व्यक्ति या डॉक्टर IVF के दौरान लिंग चयन में संलिप्त पाया जाता है, तो उसे गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है:
• कानूनी कार्रवाई: PCPNDT Act के तहत लिंग चयन पर कड़ी सजा का प्रावधान है। इसमें भारी जुर्माना और जेल की सजा हो सकती है।
• डॉक्टर का लाइसेंस रद्द: यदि कोई डॉक्टर लिंग चयन में शामिल होता है, तो उसका मेडिकल लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।
• सामाजिक और नैतिक आलोचना: लिंग चयन न केवल कानूनी रूप से गलत है, बल्कि इसे सामाजिक और नैतिक दृष्टिकोण से भी गलत माना जाता है। इससे समाज में असंतुलन और लैंगिक भेदभाव बढ़ता है।
इसलिए, IVF के माध्यम से लिंग चयन न केवल अवैध है, बल्कि इसके गंभीर कानूनी और सामाजिक परिणाम भी होते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
IVF या किसी अन्य प्रक्रिया के माध्यम से संतान का लिंग चयन भारत में कानूनी रूप से पूरी तरह से प्रतिबंधित है। यदि कोई इस प्रक्रिया को कराने की कोशिश करता है, तो उसे कड़े कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें भारी जुर्माना और जेल की सजा शामिल है।
शानवी IVF सेंटर, आगरा, कानूनी और नैतिक दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करता है और अपने मरीजों को सही जानकारी और उचित उपचार प्रदान करता है। अगर आप IVF की योजना बना रहे हैं, तो 5+ साल के अनुभवी विशेषज्ञों से परामर्श लें। अधिक जानकारी के लिए अभी शानवी IVF सेंटर से संपर्क करें!