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क्या आईवीएफ(IVF) से ट्विन प्रेगनेंसी(Twin Pregnancy) संभव है?

क्या आईवीएफ(IVF) से ट्विन प्रेगनेंसी(Twin Pregnancy) संभव है?

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क्या आईवीएफ(IVF) से ट्विन प्रेगनेंसी(Twin Pregnancy) संभव है?

यदि आप जानना चाहते है की आईवीएफ ट्रीटमेंट से प्रेगनेंसी संभव है तो इसका सीधा सा उत्तर है संभव है | IVF ट्रीटमेंट एक महंगा ट्रीटमेंट है और डॉक्टर्स भी आईवीएफ करवाने की सलाह तब देते है जब कोई दंपत्ति प्राकृतिक रूप से लगातार प्रयास कर रहे है लेकिन संतान नहीं कर पा रहे है | IVF treatment in Agra के बहुत से मामलों में जुड़वाँ बच्चे होते है | लेकिन बहुत से लोगों को पता नहीं होता है की आखिरक्या वजह है की IVF मेंट्विन प्रेग्नेंसी की सम्भावना अधिक होती है, आइये जानते है इसके बारे में विस्तार से | 

जुड़वाँ बच्चे होने की सम्भावना क्यों अधिक है आईवीएफ में 

निसंतान दम्पत्तियोंके लिए IVF ट्रीटमेंट एक वरदानकी तरह है और IVF उपचार में जुड़वाँ बच्चे की सम्भावना भी अधिक होती है | IVF ट्रीटमेंट में लैब में महिला के अंडो और पुरुष के शुक्राणु के द्वारा लैब में 5-6 एम्ब्रियो को तैयार किया जाता है | इसके बाद 2 या 3 एम्ब्रियो को महिला के गर्भाशय में डाला जाता है | क्योंकि एक से अधिक एम्ब्रियो का ट्रांसफर गर्भाशय में किया जाता है इसलिए जुड़वां बच्चों के होने की सम्भावना भीअधिक बढ़ जाती है | आज के समय में तकनीक के विकास में ट्विन्स होने की सम्भावना को इसलिए भी अधिक बढ़ा दिया है की पहले जहाँ एम्ब्रियो को 3 दिन के बाद गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता था | वही अब उसे 5 दिन तक लैब मेंअच्छे से देखरेख के बाद गर्भाशय में डाला जाता है | अधिक दिन तक एम्ब्रियो के परिपक्व होने से प्रेगनेंसी के साथ ही ट्विन प्रेगनेंसी की सम्भावना भी बढ़ जाती है | 

ट्विन होने की सम्भवना में आईवीएफ के फायदे  

आईवीएफ उपचार के द्वारा ट्विन होने की सम्भावना के फायदे इसलिएअधिक है की आईवीएफ उपचार में एक साथ कई एम्ब्रियोका ट्रांसफर किया जाता है जिसकी प्रजननसे सबंधित कई समस्या का तो समाधान तो होता ही है साथ ही ट्विन होने की सम्भावना को भी बढ़ा देता है | आईवीएफ के द्वारा उपचार होने पर ट्विन होने की जटिलता की स्थिति में डॉक्टर्स द्वारा समय समय पर जांच और उपचार के द्वारा सही चिकित्सा मार्ग दर्शन मिलता है | यह निसंतान जोड़ों को बड़े परिवार की सम्भावना को बढ़ाता है जब एक की इच्छा रखने वाले जोड़ों को ट्विन के रूप में दुगुनी ख़ुशी मिलती है|

आईवीएफ में ट्विन प्रेगनेंसी की जटिलता और खतरे 

गर्भावस्था में खास देखभाल की जरुरत होती है और यदि अगर ट्विन प्रेगनेंसी होती है तो ऐसे में जटिलता और भी बढ़ जाती है इसलिए ट्विन होने की अवस्था में समय समय पर डॉक्टर्स के परमर्श और देखभाल की जरुरत होती है | ट्विन प्रेगनेंसी में उच्च ब्लडप्रेशर, जेस्टेशन लडाइबिटीज जैसी समस्या हो सकती है | इसकेअलावा ट्विन होने की स्थिति में प्रसव के समय से पहले होने का खतरा भी बढ़ जाता है | ट्विन प्रेग्नेंसी होने पर सामान्य प्रसव की तुलना में सिजेरियन प्रसव होने की सम्भावना बढ़ जाती है | यदि कोई जोड़ा एक संता नही चाहता है ऐसे में ट्विन होने पर उन पर वित्तीय दवाब भी बढ़ जाता है | 

Also Read: To know IVF treatment is 100% successful or not click on the link.

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